कंप्यूटर की पीढ़ियाँ Generation Of Computer In Hindi

आधुनिक कंप्यूटरों का विकास आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अद्भुत उदाहरण है। कंप्यूटर की पीढ़ियाँ उनके विकास के साथ विभिन्न चरणों में बांटी गई हैं। इन कंप्यूटर पीढ़ियों को सुनिश्चित करने के लिए हमें उन्हें उनके प्राथमिकता क्रम के आधार पर समय सीमाओं में वर्गीकृत करना पड़ता है।

प्रथम पीढ़ी: प्राचीन कंप्यूटर (1940-1956)

First generation ancient computers (1940–1956)
Generation Of Computer “कंप्यूटर की पीढ़ियाँ”


प्रारंभिक कंप्यूटर विज्ञान का दौर था, जब इनमें विद्वान लोग बिना मशीनों के सहायता के ही निष्क्रिय संगणकों का अध्ययन करते थे। इस पीढ़ी में विद्वानों ने वैक्यूम ट्यूब, ट्रांजिस्टर और इंटीग्रेटेड सर्किट्स की खोज की।

प्राचीन कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी (1940-1956) विज्ञान के इस रोमांचक दौर को दर्शाती है जब कंप्यूटिंग की शुरुआत हुई और लोगों ने बिना किसी वास्तविक मशीन के भी कंप्यूटिंग की कोशिश की। इस दौरान, वैक्यूम ट्यूब, इलेक्ट्रॉनिक लॉजिक और इंटीग्रेटेड सर्किट्स जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया।

1. वैक्यूम ट्यूब:
वैक्यूम ट्यूब प्राचीन कंप्यूटरों के लिए मुख्यत: उनमें इलेक्ट्रॉन्स को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता था। ये ट्यूब विद्वानों को सिरीज़ और पैरलल सर्किट का उपयोग करके गिनती करने में मदद करते थे।

2. इलेक्ट्रॉनिक लॉजिक:
इस पीरियड में, इलेक्ट्रॉनिक लॉजिक का उपयोग कंप्यूटरों में गणना के लिए किया जाता था। यह लॉजिक गेट्स (AND, OR, NOT) का उपयोग करता था जो अंकगणित और गणितीय ऑपरेशनों को संचालित करता था।

3. इंटीग्रेटेड सर्किट्स:
अगले कई वर्षों में, इंटीग्रेटेड सर्किट्स का प्रवेश हुआ, जिसने कंप्यूटरों की संरचना को और भी संगठित बनाया। इससे छोटे और अधिक शक्तिशाली कंप्यूटर बने जा सकते थे।

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों की श्रेणी में ENIAC, EDVAC, UNIVAC, EDSAC, और बड़े प्रोजेक्ट जैसे कंप्यूटर शामिल हैं। ये कंप्यूटर सामान्यत: गणना कार्यों, निष्क्रिय संगणकों, और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों में उपयोग हुआ करते थे। इनमें बड़े आकार और अधिक ऊर्जा की आवश्यकता थी, और वे आधुनिक कंप्यूटरों की तुलना में धीमे थे, लेकिन ये हमारे वर्तमान तकनीकी युग के निर्माण में महत्वपूर्ण कदम थे।

कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी: प्राचीन कंप्यूटर (1956-1963)

Second generation of computers ancient computers (1956–1963)

कंप्यूटर का विकास एक ऐतिहासिक यात्रा है जो मानव विज्ञान की उन्नति को दर्शाती है। इस यात्रा का दूसरा चरण, यानी कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी, भावनात्मक और तकनीकी उन्नति के दृष्टिकोण से उत्साहजनक है। इस अवधि के दौरान, कंप्यूटरों की समझ और उनके उपयोग की सीमाएँ बढ़ी, जिससे वे अधिक परिसंवेदनशील और प्रभावी बने।

1956 से 1963 तक, प्राचीन कंप्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण था। इस अवधि में, कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण और अनोखे उत्थान हुए।

प्राथमिकता इंटीग्रेटेड सर्किट्स की बढ़ोत्तरी की गई। यह एक महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति थी जो कंप्यूटरों की क्षमता में वृद्धि करती थी और उन्हें कंप्यूटर चिप्स के रूप में अधिक कॉम्पैक्ट बनाती थी।

इस दौरान, कंप्यूटरों के आकार और भी कम हो गए। अब वे पूरी तरह से डेस्कटॉप पर काम करने लायक और पोर्टेबल हो गए थे। यह बड़े उपयोगकर्ता सेगमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।

साथ ही, प्राथमिकता प्रोग्रामिंग भाषाओं की बढ़ती थी। इस अवधि में, नए और प्रभावी प्रोग्रामिंग भाषाएँ विकसित की गईं, जो कंप्यूटर को अधिक उपयोगी बनाने में मदद करती थीं।

इस दौरान, प्रचलित कंप्यूटर शामिल हैं IBM 700 और IBM 7000 श्रृंखला के मॉडल। इन कंप्यूटरों में इंटीग्रेटेड सर्किट्स का प्रयोग किया गया था और उनमें प्रोग्रामिंग की सुविधा भी थी।

इस पीरियड में, कंप्यूटरों का उपयोग विज्ञान, उद्योग और व्यावसायिक क्षेत्रों में भी बढ़ गया। वे विभिन्न कार्यों में सहायक और अधिक प्रभावी उपकरणों के रूप में साबित हो गए।

इस दौरान, कंप्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी ने तकनीकी और उपयोगी उपकरणों के रूप में अपना स्थान बनाया और उन्हें हमारे समय के आधुनिक कंप्यूटर

की ओर एक कदम आगे ले जाने में मदद की।

यहाँ भी पढ़िए-

तृतीय पीढ़ी: आधुनिक कंप्यूटर (1964-1971)

Third generation modern computers (1964–1971)

कंप्यूटर का विकास और उनकी तेजी से बढ़ती उपयोगिता का चौथा चरण, जिसे आधुनिक कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी कहा जाता है, 1964 से 1971 तक का है। इस अवधि में, कंप्यूटरों की दक्षता और कार्यक्षमता में महत्वपूर्ण उन्नति हुई और वे अधिक व्यावसायिक और वैज्ञानिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो गए।

1. मैनफ्रेम कंप्यूटरों की उत्पत्ति:
इस युग में, महत्वपूर्ण उत्पादकों ने मैनफ्रेम कंप्यूटरों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान किया। IBM System/360 जैसे प्रमुख मैनफ्रेम कंप्यूटरों की शुरुआत हुई, जिनमें उपयोगकर्ता विशेषाधिकार, अनुकूलन, और उन्नततम संचार सुविधाएँ थीं।

2. ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास:
इस युग में, उद्यमी और अभिवृद्धि के लिए कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता का आविष्कार हुआ। इसने कंप्यूटर का प्रबंधन, संचालन, और उपयोग को सुगम बनाया। UNIX और MULTICS जैसे प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम इस अवधि में विकसित हुए।

3. वॉर्ड प्रोसेसिंग:
आधुनिक कंप्यूटरों की तृतीय पीढ़ी में, वॉर्ड प्रोसेसिंग की शुरुआत हुई। इसके लिए प्रोग्राम विकसित किए गए जो विभिन्न कार्यों में वर्ड प्रोसेसिंग को सहायक बनाते थे, जैसे कि डॉक्यूमेंटेशन, प्रस्तुतिकरण, और संपादन।

4. आधुनिकता और संचार:
इस पीरियड में, कंप्यूटरों में आधुनिकता और संचार की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए उनके डिजाइन में सुधार किए गए। उनमें नेटवर्किंग के लिए सुविधाएं और संचार इंटरफेस शामिल थे।

5. विज्ञान और उद्योग में उपयोग:
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर विज्ञान और उद्योग में व्यापक रूप से उपयोग किए गए। वे वैज्ञानिक गणनाओं, औद्योगिक कार्यों, और विभिन्न कार्यों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए गए।

इस पीरियड के कंप्यूटर विज्ञान के उत्थान ने कंप्यूटरो

ं को एक नए स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्हें आधुनिक कंप्यूटरों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका दी।

चौथी पीढ़ी: मिनी कंप्यूटर (1972-2010)

Fourth generation minicomputers (1972–2010)

1972 से 2010 तक का इंटरवल कंप्यूटरों के विकास में एक महत्वपूर्ण युग था, जिसे मिनी कंप्यूटरों की चौथी पीढ़ी के रूप में जाना जाता है। इस युग में, कंप्यूटरों का आकार और मूल्य घट गया और वे अधिक सामान्य उपयोग के लिए उपलब्ध हो गए। ये कंप्यूटर छोटे उद्योग, शैक्षिक संस्थानों, और व्यवसायों के लिए उपयोगी थे।

1. मिनी कंप्यूटर की उत्पत्ति:
इस युग में, मिनी कंप्यूटरों की उत्पत्ति हुई, जिनमें DEC (Digital Equipment Corporation), Data General, और HP (Hewlett-Packard) जैसी कंपनियाँ शामिल थीं। ये कंप्यूटर छोटे आकार और कम लागत के लिए प्रसिद्ध थे।

2. प्रोग्रामिंग की आसानी:
मिनी कंप्यूटरों के लिए नए और प्रभावी प्रोग्रामिंग भाषाएँ विकसित की गईं, जो उपयोगकर्ताओं को समझने और उनके लिए प्रोग्रामिंग करने में सहायक थीं। COBOL, BASIC, और FORTRAN जैसी भाषाएँ इस पीरियड में प्रसिद्ध हुईं।

3. संचार की उन्नति:
मिनी कंप्यूटरों की उत्पत्ति ने कंप्यूटरों के बीच संचार की उन्नति को बढ़ावा दिया। ये कंप्यूटर संचार नेटवर्कों के साथ अधिक अनुकूल थे और उन्हें डेटा को साझा करने और दूरस्थ संगणकों से कनेक्ट करने की सुविधा थी।

4. व्यावसायिक उपयोग:
मिनी कंप्यूटरों का उपयोग व्यवसायिक और शैक्षिक क्षेत्रों में बढ़ा। वे विभिन्न कार्यों में उपयोगी थे, जैसे कि लेखा, विपणन, स्टोक कंट्रोल, और विशेषज्ञ उपकरण।

5. उपयोगिता और साधारणीकरण:
मिनी कंप्यूटरों की उपयोगिता और साधारणीकरण ने कंप्यूटर तक पहुंच को विस्तारित किया। अब कंप्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में आ रहे थे और उनका उपयोग और विकास लोगों को और अधिक सामान्यत: और सुगमता क

े साथ संचालित हो गया।

इस पीरियड में मिनी कंप्यूटरों की चौथी पीढ़ी ने कंप्यूटरों को और भी व्यापक और प्रभावी बनाया और उन्हें सामान्य उपयोग के लिए उपलब्ध कराया।

पांचवीं पीढ़ी: आधुनिक कंप्यूटर (2010-वर्तमान)

2010 से अब तक का अवधि आधुनिक कंप्यूटरों की पांचवीं पीढ़ी के रूप में जाना जाता है। इस युग में, कंप्यूटरों के तेजी से बढ़ते अभिवृद्धि, उपयोगिता और तकनीकी उन्नति ने मानव समाज को अद्वितीय और प्रभावी सेवाएं प्रदान करने का संधारित तरीका प्रदान किया है।

1. क्वांटम कंप्यूटिंग:
आधुनिक कंप्यूटरों की पांचवीं पीढ़ी में, क्वांटम कंप्यूटिंग ने एक बड़ी परिवर्तनात्मक उत्पादकता की ओर कदम बढ़ाया है। क्वांटम कंप्यूटिंग के द्वारा विशेषज्ञता क्षेत्रों में तेजी से गणना की जा सकती है और इससे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान किया जा सकता है।

2. ब्लॉकचेन तकनीक:
ब्लॉकचेन तकनीक ने वित्तीय सेवाओं, साइबर सुरक्षा, संचार, और अन्य क्षेत्रों में नए और सुरक्षित तरीके से डेटा संचालन की दिशा में अद्वितीय संभावनाओं की खोज की है।

3. एम्बेडेड सिस्टम्स:
आधुनिक कंप्यूटरों की पांचवीं पीढ़ी में, एम्बेडेड सिस्टम्स का उपयोग विभिन्न उद्योगों में व्यापक रूप से बढ़ गया है। ये सिस्टम उपकरणों, वाहन, संचार, स्वास्थ्य देखभाल, और अन्य क्षेत्रों में अपनाये जा रहे हैं।

4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग:
AI और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है और इन तकनीकों का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल, वित्तीय सेवाएं, संचार, और अन्य क्षेत्रों में स

ुगमता और प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

5. वित्तीय तकनीकों की उपयोगिता:
आधुनिक कंप्यूटरों की पांचवीं पीढ़ी में वित्तीय सेवाओं को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए तकनीकी उपायों का उपयोग किया जा रहा है, जैसे कि वित्तीय संबंधी एप्लिकेशन, बैंकिंग, और वित्तीय संचार।

यहाँ भी पढ़िए-

इस पीरियड में, आधुनिक कंप्यूटरों की पांचवीं पीढ़ी ने तकनीकी उन्नति, उपयोगिता, और संवेदनशीलता में वृद्धि की है और इससे मानव समाज को एक उच्च स्तर पर ले जाने में मदद मिली है।

Leave a Comment

Share via
Copy link